Shrimad bhagwat geeta saar in hindi : संपूर्ण भगवत गीता के सार 8 लाईन में अर्थ के साथ समझे

महाभारत का महाविनाशक युद्ध होने वाला था। बड़े-बड़े युद्धा इस युद्ध में भाग ले रहे थे। अर्जुन भी योद्ध करने को तैयार थे। लेकिन जब अर्जुन युद्ध के लिए कुरुक्षेत्र में पहुंचे तो चारों तरफ उनको अपने ही अपने दिखाई देने लगे। वे सोचने लगे कि मैं युद्ध किनसे करुं। चारों तरफ मेरे अपने भाई, दोस्त, चाचा ,बहनोई, गुरु और पितामह हैं।

भला सिंहासन के लिए अपने ही भाईयों को मारने से अच्छा तो मैं जंगल में रहना पसंद करूंगा। जरुरी तो नहीं है कि हमें हस्तिनापुर का सिंहासन मिलेगा तभी हम जीवित रहेंगे। रह लेंगे आम आदमी बनकर लेकिन सिंहासन के लिए अपने ही भाई को नहीं मारेंगे। और भी उनके मन में सवाल उठ रहे थे।

यहीं सब सोचते-सोचते उसका धनुष सरका जा रहा था। और धनुष गिर गया।

तब जाके भगवान shree Krishna ने संभाला और geeta shlok के माध्यम समझाया। हम आज उसी Geeta (geeta ka saar) को कुछ line के द्रारा समझने का प्रयास करेंगे।

bhagwat geeta saar : संपूर्ण भगवत गीता के सार 8 लाईन में अर्थ के साथ समझे

bhagwat geeta saar : संपूर्ण भगवत गीता के सार 8 लाईन में अर्थ के साथ समझे

1. तुम फालतु में क्यों परेशान हो रहे हों। तुम किससे डर लगता हैं। तुम्हें कोई नहीं मार सकता हैं। आत्मा ना जन्म लेती हैं, ना ही कभी मरती हैं।

अर्थ:–> जब कुरूक्षेत्र के मैदान में अर्जुन अपने ही लोगों को मारने से डर गये थे। तो भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा तुम क्यों डर और परेशान हो रहे हो। तुम किसके लिए डर रहे हो, तुम जिन्हें अपना समझ रहे हो, क्या पता है कि वे तुम्हारे पिछले जन्म में कौन थे?

और वैसे भी आत्मा ना जन्म लेती हैं और ना ही वह मरती हैं। ना उसे दुःख होता हैं ना ही खुशी।

 

bhagwat geeta saar in hindi with image

2. जो हो रहा है वह अच्छा हो रहा हैं। जो होगा वह भी अच्छा होगा। तुम बिते समय का अफसोस मत करों, आने वाले समय की चिंता मत करों, तुम अभी में जीवों।

अर्थ:–> जब अर्जुन को समझ नहीं आ रहा था। तो bhagwan shri krishna ने कहा कि तुम अच्छा बुरा समय की परवाह मत करों। बीते हुए समय पर अफसोस मत करो। आने वाले समय के लिए चिंता मत करो। तुम आज के लिए सोचो, जो करना है अभी करो। और आज की परवाह करो।

bhagwat geeta saar in hindi with image

 

Bhagavad gita saar संपूर्ण भगवत गीता के सार

3. तुम्हारा क्या गया, जो तुम रोते हो? तुम क्या लाए थे, जो तुमने खो दिया? तुमने क्या पैदा किया था, जो नाश हो गया? न तुम कुछ लेकर आए, जो लिया यहीं से लिया। जो कुछ दिया, यहीं पर दिया। जो लिया, इसी (भगवान) से लिया। जो दिया, इसी को दिया।

अर्थ:–> हे अर्जुन जब तुम इस दुनिया में आये थें। और खाली हाथ ही चले जाओगे। तो फिर ये मेरा हैं, वह तुम्हारा है। अपना पराया क्यों समझते हो? सभी को अपना समझो और सभी से प्यार करो।

 

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4. जो आज तुम्हारा है, कल और किसी का था, परसों किसी और का होगा। तुम इसे अपना समझकर मग्न हो रहे हो। बस यही प्रसन्नता तुम्हारे दु:खों का कारण है।

अर्थ:–> जिस चीज़ को तुम अपना समझते हो वह पहले किसी और का था। कुछ समय बाद किसी और का होगा। जब वह किसी दुसरे का होगा तो तुम दुखी होगें।

Bhagavad gita saar : संपूर्ण भगवत गीता के सार

 

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5. परिवर्तन संसार का नियम है। जिसे तुम मृत्यु समझते हो, वही तो जीवन है। एक क्षण में तुम करोड़ों के स्वामी बन जाते हो, दूसरे ही क्षण में तुम दरिद्र हो जाते हो। मेरा-तेरा, छोटा-बड़ा, अपना-पराया, मन से मिटा दो, फिर सब तुम्हारा है, तुम सबके हो।

अर्थ:–> भगवान ने संसार को इसी प्रकार बनाया है कि सब कुछ समय के साथ बदलते रहे। इसलिए परिवर्तन संसार का नियम है। इसलिए जब समय बदले तो तुम दुखी मत होना।

 

Geeta saar in hindi

6. न यह शरीर तुम्हारा है, न तुम शरीर के हो। यह अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, आकाश से बना है और इसी में मिल जाएगा, परंतु आत्मा स्थिर है।

अर्थ:–> भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा कि ये शरीर 5 तत्वों से मिलकर बना है। जब तुम मरोगे। इसी पाँच तत्वों में मिल जाओगे। लेकिन तुम्हारा आत्म नहीं मरेगी। वह फिर से भगवान के द्रारा किसी दुसरे शरीर में भेज दिया जायेगा। जिससे तुम्हारा फिर से जन्म और मरना होगा। ये तब तक चलेगा, तब तक तुम मौक्ष की प्राप्ति नहीं कर लेते।

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gita saar in hindi

7. जो कुछ भी तू करता है, उसे भगवान को अर्पण करता चल। ऐसा करने से सदा जीवनमुक्त का आनंद अनुभव करेंगा।

अर्थ:–> god shree Krishna ने Arjun से कहा तुम जो कुछ भी करो, उसे मुझे अर्पण करते जावो। इससे तुम जब तक इस धरती पर रहोगें, हमेशा ख़ुश रहोगे। और तुम्हारा कल्याण होगा।

 

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8. जो कोई भी सुख दुःख से आगे जाना चाहता है, उसे वहीं करना चाहिए, जो मैं चहता हूँ।

अर्थ:–> हे अर्जुन जो कोई भी भय, चिंता और शोक से हमेंशा मुक्त होना चाहिए हैं। उसको भगवान यानी मुझको अर्पित करना चाहिए। यहीं एक रास्ता है जिससे उसका कल्याण होगा।

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