ढोंगी – पाखंडी – फ्रॉड बाबाओं – फ्रॉड एस्ट्रोलॉजर्स – फ्रॉड ज्योतिषों – फ्रॉड धर्म गुरुओं
की पहचान कैसे करें – गुरु रजनीश ऋषि
गुरु रजनीश ऋषि का संदेश: – “धर्म, ज्योतिष व अध्यात्म में श्रद्धा रखें, लेकिन विवेक के साथ। अंधभक्ति नहीं, सद्बुद्धि अपनाएँ। सच्चा मार्ग वही है जो सत्य, ज्ञान और प्रेम से भरा हो।”
आज के समय में जब हर व्यक्ति किसी न किसी समस्या से जूझ रहा है, तो अध्यात्म, धर्म और ज्योतिष उनके लिए आशा की किरण बनते हैं। लेकिन इसी आस्था का गलत लाभ उठाने वाले ढोंगी, पाखंडी और फ्रॉड लोग भी सक्रिय हो जाते हैं। इनके मायाजाल में फँसकर न केवल लोग आर्थिक नुकसान उठाते हैं बल्कि मानसिक, सामाजिक व पारिवारिक संकटों में भी पड़ जाते हैं। इसलिए हर व्यक्ति को इनकी पहचान करना आना चाहिए। आज के समय में अध्यात्म, धर्म व ज्योतिष के नाम पर अनेक पाखंडी लोग लोगों की आस्था का शोषण कर रहे हैं। इनकी पहचान के लिए सतर्क रहना आवश्यक है।
जो स्वयं को भगवान या अवतार बताकर चमत्कारों का दिखावा करें।
जो भारी-भरकम चढ़ावे, तंत्र-मंत्र, डरावनी भविष्यवाणियाँ कर पैसों की मांग करें।
जो विज्ञान, तर्क व शास्त्रसम्मत ज्ञान से दूर रहकर अंधविश्वास फैलाएँ।
जो किसी भी समस्या का तात्कालिक और असंभव समाधान का दावा करें।
जिनकी जीवनशैली में दिखावा, विलासिता और अहंकार प्रमुख हो।
सच्चा गुरु वही है जो ज्ञान, करुणा और विवेक से मार्गदर्शन दे।
भारतीय संस्कृति में सदियों से ज्योतिष केवल भविष्य बताने का साधन नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक वैज्ञानिक पद्धति रहा है — गुरु रजनीश ऋषि
शारीरिक प्रकृति के अनुसार आहार-विहार का चयन
शुभ-अशुभ समय निर्धारण
स्वास्थ्य संबंधी निर्णय
गृह-निर्माण में दिशानिर्धारण
जीव-जंतुओं, प्रकृति और मानव संबंधों की व्याख्या
कर्म और जीवन उद्देश्य की खोज
इन सभी में ज्योतिष का योगदान रहा है।
ज्योतिष ब्रह्मांडीय ऊर्जा के विभिन्न स्वरूपों के बीच सामंजस्य स्थापित करने की विद्या है। पाश्चात्य संस्कृति के प्रभावों के बावजूद यह परंपरा आज भी प्रासंगिक है और समय के साथ स्वयं को विकसित करती रही है।
ढोंगी – पाखंडी – फ्रॉड बाबाओं – फ्रॉड एस्ट्रोलॉजर्स – फ्रॉड ज्योतिषों – फ्रॉड धर्म गुरुओं की पहचान कैसे करें – गुरु रजनीश ऋषि
जो स्वयं को भगवान का अवतार, चमत्कारी, सिद्ध पुरुष या विशेष शक्ति का स्वामी बताएं।
भविष्य के बारे में 100% सटीक भविष्यवाणी का दावा करें।
डर और लालच का खेल
डराकर समस्या बताना और समाधान के नाम पर भारी शुल्क लेना।
ग्रह-शांति, तांत्रिक पूजा, विशेष यज्ञ, टोने-टोटके के नाम पर पैसों की मांग।
अनिष्ट परिणामों का डर दिखाकर मानसिक दबाव बनाना।
अंधविश्वास फैलाना
विज्ञान, तर्क और शास्त्रसम्मत व्याख्या से दूर रहकर केवल अंधविश्वास का प्रचार।
तर्कशील प्रश्न पूछने पर नाराज होना या गालियाँ देना।
अपने अनुयायियों को अंधभक्ति में डुबो देना।
विलासिता और दिखावे का जीवन
महंगे वस्त्र, गहने, विदेशी गाड़ियाँ, आलीशान आश्रम और वैभवपूर्ण जीवनशैली।
भव्य आयोजनों के माध्यम से स्वयं का प्रचार-प्रसार करना।
शिक्षा और शास्त्रज्ञान का अभाव
जिनके पास प्रामाणिक अध्ययन, गुरुकुल परंपरा या विश्वविद्यालय से कोई औपचारिक ज्ञान नहीं है।
केवल सुनी-सुनाई बातों व इंटरनेट से इकट्ठा की गई जानकारी से लोगों को भ्रमित करना।
शनि देव पाखंडी, फ्रॉड बाबाओं, फ्रॉड ज्योतिषों, फ्रॉड एस्ट्रोलॉजर्स पापियों को क्यों दंडित करते हैं?
जो पाखंडी, फ्रॉड बाबाओं, फ्रॉड ज्योतिषों, फ्रॉड एस्ट्रोलॉजर्स भोले-भाले लोगों को ठगते हैं; साथ ही जो व्यक्ति धोखाधड़ी, विश्वासघात, प्रतिशोध, निर्दयता, भ्रष्टाचार, बलात्कार, हत्या, अपहरण, डकैती, राष्ट्रद्रोह, मिलावटखोरी और ठगी जैसे घिनौने अपराध करते हैं — ऐसे सभी पापियों को शनि देव अपने न्याय से गंभीर दंड प्रदान करते हैं।शनि देव व्यक्ति के जन्मपत्रिका के आधार पर उसके अच्छे-बुरे कर्मों का सटीक न्याय करते हैं। उनके विभिन्न गोचर व दशाओं में जैसे:
शनि की साढ़ेसाती (7.5 वर्ष),
शनि की ढैया (2.5 वर्ष),
शनि महादशा (19 वर्ष),
शनि की अंतरदशा व प्रत्यंतरदशा
सच्चे गुरु की विशेषताएँ – गुरु रजनीश ऋषि
सच्चा गुरु कभी भी डराकर, लालच देकर या दिखावे से मार्गदर्शन नहीं करता।
वह केवल शास्त्रसम्मत और तर्कसंगत ज्ञान देता है।
अनुशासन, करुणा और सेवा भाव उसके आचरण में स्पष्ट दिखते हैं।
वह हमेशा शिष्य को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करता है, ना कि अंधभक्ति में डुबोने का प्रयास करता है।