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Lord mahavira quotes in Hindi | महावीर के अनमोल विचार

Lord Mahavira जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर थे। और जैन धर्म को मानने वाले के भगवान हैं। इनका जन्म 599 BC तथा मृृत्यु 527 BC पूर्व हुआ था।

 

Lord mahavira quotes in Hindi | महावीर के अनमोल विचार

 

1. आत्मा अकेले आती है अकेले चली जाती है, न कोई उसका साथ देता है न कोई उसका मित्र बनता है।

 

2. केवल वही व्यक्ति सही निर्णय ले सकता है, जिसकी आत्मा बंधन और विरक्ति की यातना से संतप्त ना हो।

 

3. प्रबुद्ध व्यक्ति को यह विचार करना चाहिए कि उसकी आत्मा असीम उर्जा से संपन्न है।

 

4. स्वयं से लड़ो , बाहरी दुश्मन से क्या लड़ना ? वह जो स्वयम पर विजय कर लेगा उसे आनंद की प्राप्ति होगी।

 

5. जैसे एक कछुआ अपने पैर शरीर के अन्दर वापस ले लेता है, उसी तरह एक वीर अपना मन सभी पापों से हटा स्वयं में लगा लेता है। 

 

6. आपकी आत्मा से परे कोई भी शत्रु नहीं है. असली शत्रु आपके भीतर रहते हैं , वो शत्रु हैं क्रोध , घमंड , लालच ,आसक्ति और नफरत।

 

7. Lord Mahavir quotes, जो भय का विचार करता है, वह खुद को अकेला पाता है।

 

8. जो जागरूक नहीं है उसे सभी दिशाओं से डर है। जो सतर्क है उसे कहीं से कोई भी डर नहीं है।

 

9. प्रत्येक जीव स्वतंत्र है। कोई किसी और पर निर्भर नहीं करता।

 

10. साहसी हो या कायर दोनों को मरना ही है। जब मृत्यु दोनों के लिए अपरिहार्य है, तो मुस्कराते हुए और धैर्य के साथ मौत का स्वागत क्यों नहीं किया जाना चाहिए?

 

11. जन्म का मृत्यु द्वारा, नौजवानी का बुढापे द्वारा और भाग्य का दुर्भाग्य द्वारा स्वागत किया जाता है। इस प्रकार इस दुनिया में सब कुछ क्षणिक है।

 

12. जैसे कि हर कोई जलती हुई आग से दूर रहता है, इसी प्रकार बुराइयाँ एक प्रबुद्ध व्यक्ति से दूर रहती हैं।

 

13. किसी आत्मा की सबसे बड़ी गलती अपने असल रूप को ना पहचानना है , और यह केवल आत्म ज्ञान प्राप्त कर के ठीक की जा सकती है।

 

14. Lord Mahavir quotes, शांति और आत्म-नियंत्रण अहिंसा है।

 

Lord mahavira thoughts in Hindi | महावीर के अनमोल विचार

 

15. बाहरी त्याग अर्थहीन है यदि आत्मा आंतरिक बंधनों से जकड़ी रहती है।

 

16. कीमती वस्तुओं की बात दूर है, एक तिनके के लिए भी लालच करना पाप को जन्म देता है। एक लालचरहित व्यक्ति, अगर वो मुकुट भी पहने हुए है तो पाप नहीं कर सकता।

 

17. जिस प्रकार आग इंधन से नहीं बुझाई जाती, उसी प्रकार कोई जीवित प्राणी तीनों दुनिया की सारी दौलत से संतुष्ट नहीं होता।

 

18. जितना अधिक आप पाते हैं, उतना अधिक आप चाहते हैं। लाभ के साथ-साथ लालच बढ़ता जाता है। जो 2 ग्राम सोने से पूर्ण किया जा सकता है वो दस लाख से नहीं किया जा सकता।

 

19. एक कामुक व्यक्ति, अपने वांछित वस्तुओं को प्राप्त करने में नाकाम रहने पर पागल हो जाता है और किसी भी तरह से आत्महत्या करने के लिए तैयार भी हो जाता है।

 

20. Lord Mahavira quotes, अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है।

 

21. हर एक जीवित प्राणी के प्रति दया रखो। घृणा से विनाश होता है।

 

22. भगवान् का अलग से कोई अस्तित्व नहीं है। हर कोई सही दिशा में सर्वोच्च प्रयास कर के देवत्त्व प्राप्त कर सकता है।

 

23. Lord Mahavira quotes, प्रत्येक आत्मा स्वयं में सर्वज्ञ और आनंदमय है। आनंद बाहर से नहीं आता।

 

24. सभी मनुष्य अपने स्वयं के दोष की वजह से दुखी होते हैं, और वे खुद अपनी गलती सुधार कर प्रसन्न हो सकते हैं।

 

25. Lord Mahavira quotes, सभी जीवित प्राणियों के प्रति सम्मान अहिंसा है।

 

26. एक व्यक्ति जलते हुए जंगल के मध्य में एक ऊँचे वृक्ष पर बैठा है। वह सभी जीवित प्राणियों को मरते हुए देखता है। लेकिन वह यह नहीं समझता की जल्द ही उसका भी यही हस्र होने वाला है। वह आदमी मूर्ख है।

 

27. खुद पर विजय प्राप्त करना लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर है।

 

Lord mahavira status in Hindi | महावीर के अनमोल वचन

 

28.  क्या तुम लोहे की धधकती छड़ सिर्फ इसलिए अपने हाथ में पकड़ सकते हो क्योंकि कोई तुम्हे ऐसा करना चाहता है? तब , क्या तुम्हारे लिए ये सही होगा कि तुम सिर्फ अपनी इच्छा पूरी करने के लिए दूसरों से ऐसा करने को कहो। यदि तुम अपने शरीर या दिमाग पर दूसरों के शब्दों या कृत्यों द्वारा चोट बर्दाश्त नहीं कर सकते हो तो तुम्हे दूसरों के साथ अपनों शब्दों या कृत्यों द्वारा ऐसा करने का क्या अधिकार है ?

 

29. भिक्षुक को उस पर नाराज़ नहीं होना चाहिए जो उसके साथ दुर्व्यवहार करता है। अन्यथा वह एक अज्ञानी व्यक्ति की तरह होगा। इसलिए उसे क्रोधित नहीं होना चाहिए।

 

30. Lord Mahavira quotes, साधक ऐसे शब्द बोलता है जो नपे-तुले हों और सभी जीवित प्राणियों के लिए लाभकारी हों।

 

31. वाणी के अनुशासन में असत्य बोलने से बचना और मौन का पालन करना शामिल है।

 

32. Lord Mahavir quotes, किसी को चुगली नहीं करनी चाहिए और ना ही छल-कपट में लिप्त होना चाहिए।

 

33. सभी अज्ञानी व्यक्ति पीड़ाएं पैदा करते हैं। भ्रमित होने के बाद, वे इस अनन्त दुनिया में दुःखों का उत्पादन और पुनरुत्थान करते हैं।

 

34. एक जीवित शरीर केवल अंगों और मांस का एकीकरण नहीं है, बल्कि यह आत्मा का निवास है जो संभावित रूप से परिपूर्ण धारणा (अनंत-दर्शन), संपूर्ण ज्ञान (अनंत-ज्ञान), परिपूर्ण शक्ति (अनंत-वीर्य) और परिपूर्ण आनंद (अनंत-सुख) है।

 

35. जिस प्रकार धागे से बंधी (ससुत्र) सुई खो जाने से सुरक्षित है, उसी प्रकार स्व – अध्ययन (ससुत्र) में लगा व्यक्ति खो नहीं सकता है।

 

36. केवल वही विज्ञान महान और सभी विज्ञानों में श्रेष्ठ है, जिसका अध्यन मनुष्य को सभी प्रकार के दुखों से मुक्त कर देता है।

 

37. वो जो सत्य जानने में मदद कर सके, चंचल मन को नियंत्रित कर सके, और आत्मा को शुद्ध कर सके उसे ज्ञान कहते हैं।

 

38. किसी के सिर पर गुच्छेदार या उलझे हुए बाल हों या उसका सिर मुंडा हुआ हो, वह नग्न रहता हो या फटे-चिथड़े कपड़े पहनता हो। लेकिन अगर वो झूठ बोलता है तो ये सब व्यर्थ और निष्फल है।

 

39. एक सच्चा इंसान उतना ही विश्वसनीय है जितनी माँ, उतना ही आदरणीय है जितना गुरु और उतना ही परमप्रिय है जितना ज्ञान रखने वाला व्यक्ति।

 

40. Lord Mahavira, केवल सत्य ही इस दुनिया का सार है।

 

41. Lord Mahavira, सत्य के प्रकाश से प्रबुद्ध हो, बुद्धिमान व्यक्ति मृत्यु से ऊपर उठ जाता है।

 

42. अज्ञानी कर्म का प्रभाव ख़त्म करने के लिए लाखों जन्म लेता है जबकि आध्यात्मिक ज्ञान रखने और अनुशासन में रहने वाला व्यक्ति एक क्षण में उसे ख़त्म कर देता है।

 

Lord mahavira thoughts in Hindi | महावीर के अनमोल विचार

 

43. Lord Mahavira, जो रातें चली गयी हैं वे फिर कभी नहीं आएँगी। वे अधर्मी लोगों द्वारा बर्बाद कर दी गयी हैं।

 

44. जो लोग जीवन के सर्वोच्च उद्देश्य से अनजान हैं वे व्रत रखने और धार्मिक आचरण के नियम मानने और ब्रह्मचर्य और ताप का पालन करने के बावजूद निर्वाण (मुक्ति) प्राप्त करने में सक्षम नहीं होंगे।

 

45. Lord Mahavira, किसी जीवित प्राणी को मारे नहीं। उन पर शाशन करने का प्रयास नहीं करें।

 

46. जिस प्रकार आप दुःख पसंद नहीं करते उसी तरह और लोग भी इसे पसंद नहीं करते। ये जानकर, आपको उनके साथ वो नहीं करना चाहिए जो आप उन्हें आपके साथ नहीं करने देना चाहते।

 

47. हे स्व! सत्य का अभ्यास करो, और कुछ भी नहीं बस सत्य का।

 

48. जो सुख और दुःख के बीच में समनिहित रहता है। वह एक श्रमण है, शुद्ध चेतना की अवस्था में रहने वाला।

 

49. मुझे अनुराग और द्वेष, अभिमान और विनय, जिज्ञासा, डर, दु: ख, भोग और घृणा के बंधन का त्याग करने दें (समता को प्राप्त करने के लिए)।

 

50. Lord Mahavira, केवल वह व्यक्ति जो भय को पार कर चुका है, समता को अनुभव कर सकता है।

 

51. Lord Mahavira, जीतने पर गर्व ना करें। ना ही हारने पर दुःख।

 

52. अगर आपको खुश रहना है तो दो चीजे हमेशा याद रखो। भगवान और अपनी मौत।

 

53. किसी के अस्तित्व को मत मिटाओ। शांतिपूर्वक जियो और दूसरों को भी जीने दो।

 

54. Lord Mahavir quotes, किसी का भला करके उस भलाई को भूल जाना ही सबसे बड़ी उपलब्धि है जो लोग आपका बुरा करे उसे भूल जाना ही बुद्दिमानी है।

 

55. सत्य ही दुनिया का सबसे सच है किसी भी इन्सान को किसी भी परिस्थति में भी सत्य का साथ नही छोड़ना चाहिए और एक बेहतर इन्सान तभी बन सकते है जब हर स्थिति में सत्य का साथ दे।

 

56. दुसरो की वस्तुओ को चुराना या किसी के वस्तु को पाने की कामना भी पाप है अर्थात हमे जो ईश्वर ने दिया है उसी में खुश रहना चाहिए।

 

57. कभी भी आवश्यकता से अधिक की कामना भी नाश का कारण बनता है क्योंकि ये दुनिया नश्वर है और सच्चा इन्सान कभी भी मोहमाया में पड़कर इन नाशवान वस्तुओ की कामना नहीं करता है।

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