Shani Sade Sati, Kaal Sarp Dosh, Mangalik Dosh, Foreign Tour, Money Loss, Child Issue, Court Case – Swami Raj Rishi

Shani Sade Sati, Kaal Sarp Dosh, Manglik Dosh, Foreign Tour, Money Loss, Child Issue, Court Case – Swami Raj Rishi

शनि साढ़ेसाती, मंगल दोष, कालसर्प योग, विदेश यात्रा,

विवाह बाधा, धन हानि / कोर्ट केस / संतान दोष तो उनके

लिए आपको मिलेंगे वेदिक समाधान जिनसे बदलेगा आपका

भाग्य – स्वामी राज ऋषि

“कभी-कभी जीवन को दिशा देने के लिए ईश्वर किसी ज्ञानी गुरु को माध्यम बनाता

है। स्वामी राज ऋषि जी (B.Tech, M.Tech) ऐसे ही एक दिव्य माध्यम हैं, जो न सिर्फ

भविष्य बताते हैं,   बल्कि जीवन को बेहतर बनाने का मार्ग भी दिखाते हैं।”

Unlock Your Destiny with Horoscope, Kundli & Face Reading

राशिफल • जन्म कुंडली • फेस रीडिंग • अंक ज्योतिष विश्लेषण by – Swami Raj Rishi Ji

क्या आपकी ज़िंदगी में कुछ ऐसा चल रहा है जो समझ नहीं आ रहा?
क्या आप बार-बार असफलताओं, रिश्तों की उलझनों, या करियर में रुकावटों से जूझ रहे हैं?

तो शायद वक्त है अपने भाग्य की सही दिशा को समझने का, और उसके लिए चाहिए एक अनुभवी ज्योतिषाचार्य का मार्गदर्शन – और यही कार्य कर रहे हैं Swami Raj Rishi Ji, जो आज 133+ देशों में अपनी सटीक भविष्यवाणियों और गूढ़ ज्योतिषीय उपायों के लिए प्रसिद्ध हैं।


🌟 क्या मिलेगा इस ज्योतिषीय सेशन में?

🪐 1. राशिफल विश्लेषण (Daily / Weekly / Yearly Horoscope)

आपकी राशि के अनुसार ग्रहों की चाल क्या कहती है? आज का दिन कैसा रहेगा? कौन सा कार्य करें और क्या टालें? हर सवाल का मिलेगा सटीक उत्तर – व्यावहारिक तरीके से।

🧬 2. जन्म कुंडली (Birth Chart Analysis)

जन्म के समय ग्रहों की स्थिति आपके जीवन की दिशा तय करती है। स्वामी जी आपकी कुंडली की गहराई से जांच करके बताएंगे –

  • विवाह कब होगा?

  • कैरियर का सही क्षेत्र क्या है?

  • संतान सुख मिलेगा या नहीं?

  • क्या चल रही है कोई छुपी ग्रह पीड़ा?

  • शनि / राहु / केतु दोष हैं तो उनके उपाय?

🧠 3. फेस रीडिंग (चेहरे से भविष्यवाणी)

आपके चेहरे की बनावट, माथे की लकीरें, आँखों की संरचना – सब कुछ बयां करता है आपके कर्म और भाग्य का रहस्य। बिना जन्म विवरण के भी भविष्य जानें।

🔢 4. अंक ज्योतिष (Numerology)

सिर्फ आपके नाम और जन्म तारीख से जाने:

  • Lucky Number क्या है?

  • नाम में बदलाव की ज़रूरत?

  • किस दिन क्या करना शुभ रहेगा?

  • कौन सा नंबर आपको सफलता दिला सकता है?


📿 विशेष ज्योतिष उपाय (Remedies Also Included)

अगर आपकी कुंडली में मौजूद हैं:

  • शनि साढ़ेसाती

  • मंगल दोष

  • कालसर्प योग

  • विदेश बाधा / विवाह बाधा

  • धन हानि / कोर्ट केस / संतान दोष
    तो उनके लिए आपको मिलेंगे सटीक और आसान वेदिक समाधान (Vedic Remedies), जिनसे बदलेगा आपका भाग्य।


🧘‍♂️ Swami Raj Rishi – क्यों हैं खास?

✔ 15 वर्षों से अधिक का अनुभव
✔ 9 आध्यात्मिक पुस्तकें
✔ टीवी शो
✔ 24+ लाख YouTube Subscribers
✔ पर्सनल / ऑनलाइन / वीडियो कॉल पर परामर्श
✔ बिना तंत्र-मंत्र, केवल शुद्ध वेदिक ज्योतिष पर आधारित समाधान


📅 Appointment कैसे लें?

स्वामी राज ऋषि से कैसे संपर्क करें?

आप स्वामी राज ऋषि से पर्सनल / वीडियो कॉल / टेलीफोनिक अपॉइंटमेंट भी बुक कर सकते हैं।

👉 पता: Swami Raj Rishi, शनि पीठ, 16/24, East Patel Nagar, नई दिल्ली, भारत

वेबसाइट: www.ShaniDev.Us

संपर्क नंबर/व्हाट्सएप: 98181442457, 6364650078, 7422912345, 7493912345, o11-45051710

Confess Your Sin – पापों का प्रायश्चित – Guru Rajneesh Rishi – Religious Personality – Shani Peeth Temple – गुरु रजनीश ऋषि

Confess Your Sin

भगवान शनि देव की शनि पीठ, भारत में अपने समस्त पापों को स्वीकार करें –  गुरु रजनीश ऋषि जी 

🔶 ब्रह्मांड के मुख्य न्यायाधीश भगवान शनि देव के समक्ष पाप स्वीकार करने का अनूठा अवसर

भगवान शनि देव, जो कि सम्पूर्ण ब्रह्मांड के मुख्य न्यायाधीश हैं, उनके समक्ष अपने जीवन के समस्त पापों को स्वीकार कर जीवन को पवित्र बनाना अब संभव है। शनि पीठ देव भूमि भारत में विश्वविख्यात आध्यात्मिक गुरु गुरु रजनीश ऋषि जी सभी श्रद्धालु भक्तों को आमंत्रित करते हैं कि वे अपने सभी पापों को भगवान शनि देव की पावन उपस्थिति में स्वीकार करें।

यह स्वीकारोक्ति आप व्यक्तिगत रूप से शनि पीठ आकर अथवा ईमेल, वीडियो कॉल परामर्श के माध्यम से भी कर सकते हैं।


🔶 आपकी पाप स्वीकारोक्ति का दिव्य उपचार — गुरु रजनीश ऋषि जी के साथ

आपके द्वारा स्वीकार किए गए समस्त पापों को गुरु रजनीश ऋषि जी ध्यानपूर्वक सुनते व पढ़ते हैं। इसके पश्चात भगवान शनि देव के चरणों में आपके पापों के शमन के लिए विशेष पूजन, हवन, यज्ञ, अग्निहोत्र एवं अन्य वैदिक अनुष्ठान किए जाते हैं।

इन अनुष्ठानों का आयोजन स्वयं गुरु रजनीश ऋषि जी व स्वामी राज ऋषि जी के दिव्य सान्निध्य में अत्यंत श्रद्धा व समर्पण के साथ किया जाता है। ये विधियाँ आपके पापों की शक्ति को नष्ट कर आपके जीवन को पवित्र, शांत व सुखमय बनाने में सहायक होती हैं।


🔶 पापों का न्यायिक दंड — शनि देव की प्रेरणा से उचित प्रायश्चित

पाप स्वीकारोक्ति के बाद भगवान शनि देव की प्रेरणा से गुरु रजनीश ऋषि जी अथवा स्वामी राज ऋषि जी आपको आपके पापों के अनुरूप उचित प्रायश्चित व दंड निर्धारित करते हैं। यह दंड जप, यज्ञ, हवन एवं भगवान शनि देव के कृपा से आपके पापों के भार को कम करता है और आपको आध्यात्मिक उन्नति के पथ पर आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करता है।


🔶 भगवान शनि देव — ब्रह्मांड के सर्वोच्च न्यायाधीश

भगवान शनि देव नवग्रहों में विशेष स्थान रखते हैं। वे भगवान सूर्य देव व माता छाया के पुत्र हैं तथा यमराज (मृत्यु के देवता) के भाई हैं। उन्हें छायापुत्र, शनैश्चर, शनिदेव भगवान, शनिेश्वर, सनेश्वरन आदि नामों से भी जाना जाता है। भगवान शिव ने स्वयं उन्हें ब्रह्मांड का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है।

शनि देव पापियों को क्यों दंडित करते हैं?

शनि देव व्यक्ति के जन्मपत्रिका के आधार पर उसके कर्मों का न्याय करते हैं। उनके विभिन्न गोचर व दशाओं में जैसे:

  • शनि की साढ़ेसाती (7.5 वर्ष),

  • शनि की ढैया (2.5 वर्ष),

  • शनि महादशा (19 वर्ष),

  • शनि की अंतरदशा व प्रत्यंतरदशा

— इन कालों में वे पापियों को उनके कर्मों के अनुसार दंडित करते हैं। विशेष रूप से जो लोग धोखाधड़ी, विश्वासघात, प्रतिशोध, निर्दयता, भ्रष्टाचार, बलात्कार, हत्या, अपहरण, डकैती, राष्ट्रद्रोह, मिलावटखोरी व ठगी करते हैं — उन्हें शनि देव कठोर दंड प्रदान करते हैं।

शनि देव द्वारा दंडित पापियों को मिलने वाले दंड:

  • कैंसर, लकवा, कुष्ठ, एड्स जैसी असाध्य बीमारियाँ

  • अगले जन्म में भी भयंकर कष्ट

  • जीवन में दरिद्रता व भिखारी जैसा जीवन


🔶 पुण्यात्माओं के लिए शनि देव का वरदानी स्वरूप

दूसरी ओर जो लोग ईश्वर के प्रति श्रद्धा रखते हैं, राष्ट्रभक्त हैं, धर्म की सेवा करते हैं, मानवता व जीव मात्र के प्रति दयालु हैं — शनि देव उन्हें अपार सफलताएँ व सम्मान प्रदान करते हैं। ऐसे पुण्यात्माओं को वे राजा, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्री, उद्योगपति, व्यवसायी आदि के रूप में प्रतिष्ठित करते हैं।


🔶 गुरु रजनीश ऋषि जी का संदेश: पाप से बचें, सद्मार्ग अपनाएँ

गुरु रजनीश ऋषि जी का सभी से विनम्र निवेदन है कि —

❝ किसी भी प्रकार का पाप/अपराध मानवता, समाज, राष्ट्र, धर्म अथवा प्राणियों के प्रति न करें। कोई भी गलत कार्य करने से पूर्व हजार बार सोचें। क्योंकि जो भी पाप आप करेंगे — उसका दंड आपको अवश्य इस जन्म या अगले जन्म में भुगतना पड़ेगा। ❞


🔶 शनि पीठ — पापों के प्रायश्चित का दिव्य स्थल

शनि पीठ, देव भूमि – भारत पर आपके समस्त पापों का प्रायश्चित कर उन्हें शुद्ध करने का एकमात्र दुर्लभ अवसर गुरु रजनीश ऋषि जी एवं उनके दिव्य मार्गदर्शन में आपको प्राप्त हो रहा है। यहां आपके पापों को शनि देव के समक्ष स्वीकार कर उनके दंड व कृपा से आप अपने जीवन को कल्याणमय बना सकते हैं।


✅ गुरु रजनीश ऋषि जी – आप अपने पापों को स्वीकार कर भगवान शनि देव की शरण में आइए। अपने लिए वीडियो परामर्श के माध्यम से समय बुक कर सकते हैं।


गुरुजी से कैसे संपर्क करें?

आप व्यक्तिगत रूप से शनि पीठ मंदिर, नई दिल्ली में जाकर गुरुजी से मिल सकते हैं या वीडियो कॉल अथवा टेलीफोनिक अपॉइंटमेंट भी बुक कर सकते हैं।

👉 पता: Guru Rajneesh Rishi, शनि पीठ, 16/24, East Patel Nagar, नई दिल्ली, भारत

वेबसाइट: www.ShaniDev.Us

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Kumbh Rashi – Gurumaa Rokmani – Spiritual Guru – Religious Personality – Astrology – Horoscope – Shani Peeth Temple

Gurumaa Rokmani – Spiritual Guru – Religious Personality – Astrology

Kumbh Rashi walo Bhagwan Tumhari Kyon Nahi Sunte –

🙏 जय शनिदेव, 🕉 शनिपीठ मंदिर में आपका स्वागत है 🚩 सबसे भरोसेमंद, अनुभवी और सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषियों से परामर्श लें ✨ । हमारे 33+ वर्षों के अनुभव से पाएँ सभी समस्याओं का समाधान 🎯- नौकरी, व्यवसाय, रिश्ते, पढ़ाई आदि में मिलेगा 💯 फायदा कौन हैं गुरु रजनीश ऋषि जी ? गुरूजी के बारे में जानने के लिए वीडियो ज़रूर देखें

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स्वामी राज ऋषि (5+ वर्षों का अनुभव । M.Tech Computer Science) जी से कैसे मिलें

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गुरु माँ रुक्मणि जी — आध्यात्मिक साधना, सेवा और प्रेम की दिव्य शक्ति

परिचय

गुरु माँ रुक्मणि जी भारत की एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु, साधिका और मानवता की सच्ची सेविका हैं। उनका संपूर्ण जीवन ईश्वर भक्ति, साधना, सेवा और आध्यात्मिक ज्ञान के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित है। लाखों श्रद्धालु आज उनके आशीर्वाद और मार्गदर्शन से जीवन के कष्टों से मुक्ति पाकर सुख, शांति और सफलता प्राप्त कर रहे हैं।

आध्यात्मिक शिक्षा की प्राप्ति

गुरु माँ रुक्मणि जी ने समस्त आध्यात्मिक साधनाएँ और ज्योतिषीय शिक्षाएँ अपने पूज्य गुरु गुरु रजनीश ऋषि जी से प्राप्त की हैं, जो शनि पीठ मंदिर, नई दिल्ली के विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य और आध्यात्मिक गुरु हैं। गुरु रजनीश ऋषि जी के सानिध्य में रहकर गुरु माँ ने गहन साधना, वेद, उपनिषद, मंत्र विज्ञान, ग्रहों के रहस्य तथा ज्योतिष के सूक्ष्म ज्ञान को आत्मसात किया है।

गुरु माँ रुक्मणि जी की विशेषताएँ

  • वर्षों की कठिन साधना और तपस्या द्वारा दिव्यता की प्राप्ति।

  • सटीक ज्योतिषीय विश्लेषण और प्रभावी समाधान।

  • ध्यान, प्रार्थना और मंत्र चिकित्सा के माध्यम से मानसिक शांति प्रदान करना।

  • आध्यात्मिक साधना सत्र, शिविर व व्यक्तिगत मार्गदर्शन।

  • स्त्रियों, परिवारों और समाज में सकारात्मक ऊर्जा का विस्तार।

  • हर उम्र और वर्ग के लोगों को जीवन में संतुलन और दिशा देना।

गुरु माँ रुक्मणि जी की शिक्षाएँ

गुरु माँ रुक्मणि जी का संदेश है —

“ईश्वर हर व्यक्ति के हृदय में वास करते हैं। जब हम सेवा, प्रेम और सत्य के मार्ग पर चलकर ईश्वर को अपने भीतर जागृत करते हैं, तब जीवन का हर दुःख स्वयं दूर हो जाता है।”

वे भक्ति, साधना और कर्म के संतुलन से जीवन को ऊँचाइयों तक ले जाने का मार्ग सिखाती हैं।

जिन समस्याओं का समाधान गुरु माँ देती हैं:

  • वैवाहिक जीवन की समस्याएँ

  • करियर में रुकावटें

  • स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ

  • धन और व्यापार में संकट

  • तनाव, चिंता और मानसिक परेशानियाँ

  • पारिवारिक कलह और संबंधों में दरार

आप व्यक्तिगत रूप से शनि पीठ मंदिर, नई दिल्ली में जाकर गुरुजी से मिल सकते हैं या वीडियो कॉल अथवा टेलीफोनिक अपॉइंटमेंट भी बुक कर सकते हैं।

👉 पता: Gurumaa Rokmani, शनि पीठ, 16/24, East Patel Nagar, नई दिल्ली, भारत

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संपर्क नंबर/व्हाट्सएप: 8305910000, 6364650082

कुंभ राशि इसलिए भगवान् आपकी नहीं सुनते 😱 Kumbh Rashi Truth 😭 😭 😭 कुंभ राशि के बारे में 👉👉   yt favicon ringo2 • कुम्भ राशि इसलिए भगवान् आपकी नहीं सुनते 😱 …   गुरु माँ जी की 7 रहस्यमई बातें ! 😱 जो कोई नहीं जानता 👍👍 🙇 7 Secrets of Guru Maa Rukmani Ji 👉👉   yt favicon ringo2 • गुरु माँ जी की 7 रहस्यमई बातें ! 😱 जो कोई …   कुंभ राशि ये 3 काम छोड़ दो वरना बर्बाद हो जाओगे | Kumbh Rashi Bad Habbits 👉👉   yt favicon ringo2 • कुंभ राशि ये 3 काम छोड़ दो वरना बर्बाद हो …   Kumbh Rashi | Aquarius Rashi | कुंभ राशि पर्स में यह रखते ही बरसेगा पैसा 👉👉   yt favicon ringo2 • कुंभ राशि पर्स में यह रखते ही बरसेगा पैसा …   कुंभ राशि इस रंग के कपडे पहने पैसों की कभी कमी नहीं होगी। 👉👉   yt favicon ringo2 • कुंभ राशि 💯% सफलता के लिए इस रंग के कपड़े प…   कुंभ राशि एक बार इस पेड़ को दे जल भगवान भी सब देने के लिए मजबूर हो जाएंगे। 👉👉   yt favicon ringo2 • कुम्भ राशि हफ्ते में 1 बार इस पेड़ को दे पा…   कुंभ राशि लकी नंबर – लॉटरी, शेयर मार्केट, रेस कोर्स, पैसा 💰💰💰 Kumbh Rashi Lucky Number 😇 Aquarius 👉👉   yt favicon ringo2 • 💰 कुम्भ राशि लकी नंबर – लॉटरी,शेयरमार्केट,…  

Spiritual – Guru Rajneesh Rishi – Religious Personality – Astrology – Horoscope – Shani Peeth Temple

Best of Guru Rajneesh Rishi

Guru Rajneesh Rishi – Spiritual Guru – Religious Personality – Astrology – Horoscope Reading –

गुरु रजनीश ऋषि जी — शनि पीठ मंदिर, नई दिल्ली के विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य और आध्यात्मिक गुरु

परिचय

जब जीवन में परेशानियाँ बढ़ जाती हैं और हर दिशा में अंधकार नजर आने लगता है, तब एक सच्चे मार्गदर्शक की आवश्यकता होती है। ऐसा ही एक नाम है — गुरु रजनीश ऋषि जी। वे न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में लाखों लोगों के जीवन में ज्योतिषीय समाधान और आध्यात्मिक ऊर्जा द्वारा आशा की किरण जगा रहे हैं।

गुरु रजनीश ऋषि जी का आध्यात्मिक सफर

करीब 36 वर्षों से अधिक समय से गुरु रजनीश ऋषि जी ज्योतिष, वेद, पुराण और आध्यात्मिक साधना के गहन अध्ययन में रत हैं। उनका जन्म एक धार्मिक परिवार में हुआ, जहाँ उन्हें बचपन से ही वेद, मंत्र और ज्योतिष का प्रशिक्षण मिला। युवावस्था में ही उन्होंने तय कर लिया था कि वे अपना सम्पूर्ण जीवन मानव सेवा और आध्यात्मिक मार्गदर्शन में समर्पित करेंगे।

वैश्विक ख्याति और अनुभव

आज गुरु रजनीश ऋषि जी का नाम भारत ही नहीं बल्कि विश्व के 133 से भी अधिक देशों में प्रसिद्ध है। उनके यूट्यूब चैनल पर 24 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं। उन्होंने 320 से अधिक टीवी शोज में भी अपनी ज्योतिषीय और आध्यात्मिक विशेषज्ञता दी है। इसके अलावा, वे 9 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं, जो वैदिक ज्योतिष, जीवन प्रबंधन और अध्यात्म पर आधारित हैं।

शनि पीठ मंदिर, नई दिल्ली — आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र

नई दिल्ली के पीतमपुरा क्षेत्र में स्थित शनि पीठ मंदिर गुरु रजनीश ऋषि जी की साधना स्थली है। यहाँ पर प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु जीवन की विभिन्न परेशानियों का समाधान पाने हेतु गुरुजी से परामर्श प्राप्त करते हैं।

शनि पीठ मंदिर विशेष रूप से शनि दोष, राहु-केतु पीड़ा, मांगलिक दोष, सर्प दोष, नवग्रह शांति, एवं विशेष अनुष्ठानों के लिए प्रसिद्ध है। यहां शनि महाराज की विशेष आराधना व पूजन से हजारों श्रद्धालुओं को उनके जीवन में शांति और सफलता मिली है।

गुरु रजनीश ऋषि जी द्वारा दी जाने वाली सेवाएँ

वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology):
कुंडली मिलान, जन्मपत्री विश्लेषण, ग्रह दोषों की पहचान और उपाय।

अंक ज्योतिष (Numerology):
अंक आधारित समाधान द्वारा जीवन के विभिन्न पहलुओं को संतुलित करना।

आध्यात्मिक साधना और अनुष्ठान (Spiritual Remedies):
ग्रहों की शांति के लिए विशेष पूजा-पाठ, यज्ञ और हवन।

क्यों चुनें गुरु रजनीश ऋषि जी को?

  • सटीक एवं वैज्ञानिक ज्योतिषीय विश्लेषण।

  • सरल एवं प्रभावी उपाय।

  • व्यक्तिगत कुंडली के अनुसार समाधान।

  • अनुभवी और प्रमाणित ज्योतिषाचार्य।

  • व्यक्तिगत एवं ऑनलाइन परामर्श की सुविधा।

समस्याएँ जिनका समाधान गुरुजी करते हैं:

गुरुजी से कैसे संपर्क करें?

आप व्यक्तिगत रूप से शनि पीठ मंदिर, नई दिल्ली में जाकर गुरुजी से मिल सकते हैं या वीडियो कॉल अथवा टेलीफोनिक अपॉइंटमेंट भी बुक कर सकते हैं।

👉 पता: Guru Rajneesh Rishi, शनि पीठ, 16/24, East Patel Nagar, नई दिल्ली, भारत

वेबसाइट: www.ShaniDev.Us

संपर्क नंबर/व्हाट्सएप: 98181442457, 6364650078, 7422912345, 7493912345

Know Your Gotra – Kashayp Gotra – Atri Gotra – Bhardwaj Gotra – Vashisth Gotra – Gautam Gotra – Janmdagni Gotra – Vishwamitra Gotra

Know Your Gotra – Kashyap Gotra – Atri Gotra – Bhardwaj Gotra – Vashisht Gotra – Gautam Gotra – Jamadagni Gotra – Vishwamitra Gotra- Guru Rajneesh Rishi

गोत्र क्या होता है ? गोत्र क्या होता है – गोत्र के पता न होने पर क्या करें

 

सनातन धर्म के 7 प्रमुख गोत्र 

(1) अत्रि

(2) भारद्वाज

(3) गौतम 
(4) जमदग्नि
 
(5) कश्यप
 
(6) वशिष्ठ
(7) विश्वामित्र
गोत्र एक महत्वपूर्ण वैदिक परंपरा है, जो किसी व्यक्ति के वंश और उसकी पारिवारिक पहचान को दर्शाता है। गोत्र का मतलब “वंश” या “कुल” होता है और यह विशेष रूप से उन ऋषियों या पूर्वजों के नाम से जुड़ा होता है

🌿 गोत्र केवल नाम नहीं, यह हमारी पहचान की वह जड़ है जो अनादि काल से हमारे पूर्वजों से जुड़ी हुई है।

🌿 गोत्र हमें हमारे पितृऋषियों की ज्ञान, परंपरा और संस्कृति की अनमोल विरासत से जोड़ता है।

🌿 हर गोत्र एक ऋषि का स्मरण है, जिन्होंने हमें धर्म, ज्ञान और संस्कारों का प्रकाश दिया।

🌿 गोत्र के माध्यम से हम अपनी रक्त रेखा, वंश परंपरा और सनातन संस्कृति का सम्मान करते हैं।

🌿 यह हमें याद दिलाता है कि हम केवल व्यक्ति नहीं, बल्कि एक महान परंपरा के उत्तराधिकारी हैं।

🌿 विवाह, संस्कार और पूजा में गोत्र का स्मरण हमारे पितरों को सम्मान देने का माध्यम है।

गोत्र

भारतीय संस्कृति का एक बहुत ही प्राचीन और महत्वपूर्ण हिस्सा है। साधारण शब्दों में कहें तो:

  • गोत्र का अर्थ है — कुल या वंश परंपरा

  • यह पितृवंश के आधार पर चलता है यानी पिता के वंश से पुत्रों को गोत्र प्राप्त होता है।

  • गोत्र से यह पता चलता है कि व्यक्ति का मूल पूर्वज कौन था।

  • प्राचीन काल में सप्तर्षियों – कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, गौतम, वशिष्ठ, जमदग्नि, विश्वामित्र आदि से गोत्र की परंपरा चली मानी जाती है।

  • विवाह में गोत्र का महत्व बहुत अधिक है ताकि रक्त संबंधों से बचकर विवाह हों (सगोत्र विवाह वर्जित माने जाते हैं)।

गोत्र के न पता होने पर क्या करें?

बहुत से लोग आज के समय में अपने गोत्र की जानकारी नहीं रखते क्योंकि:

  • समय के साथ परंपरा छूट गई

  • परिवार में गोत्र की जानकारी देने वाले बड़े बुज़ुर्ग नहीं बचे

  • या मिश्रित विवाह आदि कारणों से जानकारी खो गई।

ऐसे में आप क्या कर सकते हैं:

  1. बुजुर्गों से पूछें

    • परिवार के बड़े-बुजुर्ग, माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी आदि से जानकारी लें।

  2. परिवार की परंपराओं से अनुमान

    • अगर आपके घर में कोई कुलदेवता, कुल देवी, पितृ पूजा की परंपरा है तो उससे भी कुछ संकेत मिल सकते हैं।

  3. पंडित या आचार्य से सलाह लें

    • अनुभवी आचार्य, पुरोहित या ब्राह्मण से मिलें। वे आपकी जाति, उपजाति, प्राचीन परंपराओं के आधार पर अनुमान लगाकर गोत्र बता सकते हैं।

  4. ‘अपात गोत्र’ (आपातकालीन गोत्र)

    • यदि गोत्र की कोई जानकारी नहीं मिलती तो धर्मशास्त्रों में “अपात गोत्र” की परंपरा भी बताई गई है।

    • कुछ आचार्य विशेष परिस्थितियों में कश्यप गोत्र मानकर धार्मिक क्रियाएं करवा देते हैं।

  5. डीएनए और वंशावली परीक्षण (आजकल का उपाय)

    • यदि आप बहुत ही शुद्धता से जानना चाहते हैं तो डीएनए वंशावली परीक्षण भी विकल्प हो सकता है — हालांकि यह अभी भारत में बहुत प्रचलित नहीं है।

Know Your Gotra – गोत्र क्या होता है – गोत्र के पता न होने पर क्या करें 

Know Your Gotra – गोत्र क्या होता है – गोत्र के पता न होने पर क्या करें – Guru Rajneesh Rishi

गोत्र क्या होता है ? 

गोत्र एक महत्वपूर्ण वैदिक परंपरा है, जो किसी व्यक्ति के वंश और उसकी पारिवारिक पहचान को दर्शाता है। गोत्र का मतलब “वंश” या “कुल” होता है और यह विशेष रूप से उन ऋषियों या पूर्वजों के नाम से जुड़ा होता है

🌿 गोत्र केवल नाम नहीं, यह हमारी पहचान की वह जड़ है जो अनादि काल से हमारे पूर्वजों से जुड़ी हुई है।

🌿 यह हमें हमारे पितृऋषियों की ज्ञान, परंपरा और संस्कृति की अनमोल विरासत से जोड़ता है।

🌿 हर गोत्र एक ऋषि का स्मरण है, जिन्होंने हमें धर्म, ज्ञान और संस्कारों का प्रकाश दिया।

🌿 गोत्र के माध्यम से हम अपनी रक्त रेखा, वंश परंपरा और सनातन संस्कृति का सम्मान करते हैं।

🌿 यह हमें याद दिलाता है कि हम केवल व्यक्ति नहीं, बल्कि एक महान परंपरा के उत्तराधिकारी हैं।

🌿 विवाह, संस्कार और पूजा में गोत्र का स्मरण हमारे पितरों को सम्मान देने का माध्यम है।

सनातन धर्म के 7 प्रमुख गोत्र 

(1) अत्रि

(2) भारद्वाज

(3) गौतम 
(4) जमदग्नि
 
(5) कश्यप
 
(6) वशिष्ठ
(7) विश्वामित्र

Know Your Gotra – गोत्र क्या होता है – गोत्र के पता न होने पर क्या करें

भारतीय संस्कृति का एक बहुत ही प्राचीन और महत्वपूर्ण हिस्सा है। साधारण शब्दों में कहें तो:

  • गोत्र का अर्थ है — कुल या वंश परंपरा

  • यह पितृवंश के आधार पर चलता है यानी पिता के वंश से पुत्रों को गोत्र प्राप्त होता है।

  • गोत्र से यह पता चलता है कि व्यक्ति का मूल पूर्वज कौन था।

  • प्राचीन काल में सप्तर्षियों (कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, गौतम, वशिष्ठ, जमदग्नि, विश्वामित्र आदि) से गोत्र की परंपरा चली मानी जाती है।

  • विवाह में गोत्र का महत्व बहुत अधिक है ताकि रक्त संबंधों से बचकर विवाह हों (सगोत्र विवाह वर्जित माने जाते हैं)।

गोत्र के न पता होने पर क्या करें?

बहुत से लोग आज के समय में अपने गोत्र की जानकारी नहीं रखते क्योंकि:

  • समय के साथ परंपरा छूट गई

  • परिवार में गोत्र की जानकारी देने वाले बड़े बुज़ुर्ग नहीं बचे

  • या मिश्रित विवाह आदि कारणों से जानकारी खो गई।

ऐसे में आप क्या कर सकते हैं:

  1. बुजुर्गों से पूछें

    • परिवार के बड़े-बुजुर्ग, माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी आदि से जानकारी लें।

  2. परिवार की परंपराओं से अनुमान

    • अगर आपके घर में कोई कुलदेवता, कुल देवी, पितृ पूजा की परंपरा है तो उससे भी कुछ संकेत मिल सकते हैं।

  3. पंडित या आचार्य से सलाह लें

    • अनुभवी आचार्य, पुरोहित या ब्राह्मण से मिलें। वे आपकी जाति, उपजाति, प्राचीन परंपराओं के आधार पर अनुमान लगाकर गोत्र बता सकते हैं।

  4. ‘अपात गोत्र’ (आपातकालीन गोत्र)

    • यदि गोत्र की कोई जानकारी नहीं मिलती तो धर्मशास्त्रों में “अपात गोत्र” की परंपरा भी बताई गई है।

    • कुछ आचार्य विशेष परिस्थितियों में कश्यप गोत्र मानकर धार्मिक क्रियाएं करवा देते हैं।

  5. डीएनए और वंशावली परीक्षण (आजकल का उपाय)

    • यदि आप बहुत ही शुद्धता से जानना चाहते हैं तो डीएनए वंशावली परीक्षण भी विकल्प हो सकता है — हालांकि यह अभी भारत में बहुत प्रचलित नहीं है।

PS:  गोत्र का उद्देश्य मुख्यतः वंश पहचान व विवाह व्यवस्था में रक्त-संबंधों से बचाव है। धार्मिक अनुष्ठानों में भी गोत्र का उच्चारण होता है ताकि देवताओं व पितरों तक संदेश जाए।

ढोंगी – पाखंडी – फ्रॉड बाबाओं – फ्रॉड ज्योतिषों – फ्रॉड एस्ट्रोलॉजर्स – फ्रॉड धर्म गुरुओं – Dhongi – Pakhandi – Fraud Astrologers

ढोंगी – पाखंडी – फ्रॉड बाबाओं – फ्रॉड एस्ट्रोलॉजर्स – फ्रॉड ज्योतिषों – फ्रॉड धर्म गुरुओं

 की पहचान कैसे करें – गुरु रजनीश ऋषि

गुरु रजनीश ऋषि का संदेश: – “धर्म, ज्योतिष व अध्यात्म में श्रद्धा रखें, लेकिन विवेक के साथ। अंधभक्ति नहीं, सद्बुद्धि अपनाएँ। सच्चा मार्ग वही है जो सत्य, ज्ञान और प्रेम से भरा हो।”

आज के समय में जब हर व्यक्ति किसी न किसी समस्या से जूझ रहा है, तो अध्यात्म, धर्म और ज्योतिष उनके लिए आशा की किरण बनते हैं। लेकिन इसी आस्था का गलत लाभ उठाने वाले ढोंगी, पाखंडी और फ्रॉड लोग भी सक्रिय हो जाते हैं। इनके मायाजाल में फँसकर न केवल लोग आर्थिक नुकसान उठाते हैं बल्कि मानसिक, सामाजिक व पारिवारिक संकटों में भी पड़ जाते हैं। इसलिए हर व्यक्ति को इनकी पहचान करना आना चाहिए। आज के समय में अध्यात्म, धर्म व ज्योतिष के नाम पर अनेक पाखंडी लोग लोगों की आस्था का शोषण कर रहे हैं। इनकी पहचान के लिए सतर्क रहना आवश्यक है।

  • जो स्वयं को भगवान या अवतार बताकर चमत्कारों का दिखावा करें।

  • जो भारी-भरकम चढ़ावे, तंत्र-मंत्र, डरावनी भविष्यवाणियाँ कर पैसों की मांग करें।

  • जो विज्ञान, तर्क व शास्त्रसम्मत ज्ञान से दूर रहकर अंधविश्वास फैलाएँ।

  • जो किसी भी समस्या का तात्कालिक और असंभव समाधान का दावा करें।

  • जिनकी जीवनशैली में दिखावा, विलासिता और अहंकार प्रमुख हो।

सच्चा गुरु वही है जो ज्ञान, करुणा और विवेक से मार्गदर्शन दे।

भारतीय संस्कृति में सदियों से ज्योतिष केवल भविष्य बताने का साधन नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक वैज्ञानिक पद्धति रहा है  — गुरु रजनीश ऋषि

  • शारीरिक प्रकृति के अनुसार आहार-विहार का चयन

  • शुभ-अशुभ समय निर्धारण

  • स्वास्थ्य संबंधी निर्णय

  • गृह-निर्माण में दिशानिर्धारण

  • जीव-जंतुओं, प्रकृति और मानव संबंधों की व्याख्या

  • कर्म और जीवन उद्देश्य की खोज
    इन सभी में ज्योतिष का योगदान रहा है।

ज्योतिष ब्रह्मांडीय ऊर्जा के विभिन्न स्वरूपों के बीच सामंजस्य स्थापित करने की विद्या है। पाश्चात्य संस्कृति के प्रभावों के बावजूद यह परंपरा आज भी प्रासंगिक है और समय के साथ स्वयं को विकसित करती रही है। 

ढोंगी – पाखंडी – फ्रॉड बाबाओं – फ्रॉड एस्ट्रोलॉजर्स – फ्रॉड ज्योतिषों – फ्रॉड धर्म गुरुओं की पहचान कैसे करें गुरु रजनीश ऋषि

  • जो स्वयं को भगवान का अवतार, चमत्कारी, सिद्ध पुरुष या विशेष शक्ति का स्वामी बताएं।

  • भविष्य के बारे में 100% सटीक भविष्यवाणी का दावा करें।

डर और लालच का खेल

  • डराकर समस्या बताना और समाधान के नाम पर भारी शुल्क लेना।

  • ग्रह-शांति, तांत्रिक पूजा, विशेष यज्ञ, टोने-टोटके के नाम पर पैसों की मांग।

  • अनिष्ट परिणामों का डर दिखाकर मानसिक दबाव बनाना।

अंधविश्वास फैलाना

  • विज्ञान, तर्क और शास्त्रसम्मत व्याख्या से दूर रहकर केवल अंधविश्वास का प्रचार।

  • तर्कशील प्रश्न पूछने पर नाराज होना या गालियाँ देना।

  • अपने अनुयायियों को अंधभक्ति में डुबो देना।

विलासिता और दिखावे का जीवन

  • महंगे वस्त्र, गहने, विदेशी गाड़ियाँ, आलीशान आश्रम और वैभवपूर्ण जीवनशैली।

  • भव्य आयोजनों के माध्यम से स्वयं का प्रचार-प्रसार करना।

शिक्षा और शास्त्रज्ञान का अभाव

  • जिनके पास प्रामाणिक अध्ययन, गुरुकुल परंपरा या विश्वविद्यालय से कोई औपचारिक ज्ञान नहीं है।

  • केवल सुनी-सुनाई बातों व इंटरनेट से इकट्ठा की गई जानकारी से लोगों को भ्रमित करना।

शनि देव पाखंडी, फ्रॉड बाबाओं, फ्रॉड ज्योतिषों, फ्रॉड एस्ट्रोलॉजर्स पापियों को क्यों दंडित करते हैं?

जो पाखंडी, फ्रॉड बाबाओं, फ्रॉड ज्योतिषों, फ्रॉड एस्ट्रोलॉजर्स भोले-भाले लोगों को ठगते हैं; साथ ही जो व्यक्ति धोखाधड़ी, विश्वासघात, प्रतिशोध, निर्दयता, भ्रष्टाचार, बलात्कार, हत्या, अपहरण, डकैती, राष्ट्रद्रोह, मिलावटखोरी और ठगी जैसे घिनौने अपराध करते हैं — ऐसे सभी पापियों को शनि देव अपने न्याय से गंभीर दंड प्रदान करते हैं।शनि देव व्यक्ति के जन्मपत्रिका के आधार पर उसके अच्छे-बुरे कर्मों का सटीक न्याय करते हैं। उनके विभिन्न गोचर व दशाओं में जैसे:

  • शनि की साढ़ेसाती (7.5 वर्ष),

  • शनि की ढैया (2.5 वर्ष),

  • शनि महादशा (19 वर्ष),

  • शनि की अंतरदशा व प्रत्यंतरदशा

सच्चे गुरु की विशेषताएँ गुरु रजनीश ऋषि

सच्चा गुरु कभी भी डराकर, लालच देकर या दिखावे से मार्गदर्शन नहीं करता।

  • वह केवल शास्त्रसम्मत और तर्कसंगत ज्ञान देता है।

  • अनुशासन, करुणा और सेवा भाव उसके आचरण में स्पष्ट दिखते हैं।

  • वह हमेशा शिष्य को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करता है, ना कि अंधभक्ति में डुबोने का प्रयास करता है।

Views of Guru Rajneesh Rishi on Upcoming Jwalamukhi Yog

Views of Guru Rajneesh Rishi on Upcoming Jwalamukhi Yog

ज्वालामुखी योग किस तिथि और नक्षत्र से बनता है

  • प्रतिपदा तिथि (पहला दिन) मूल नक्षत्र (धनु राशि) के दिन आती है।
  • पंचमी तिथि (पांचवा दिन) भरणी नक्षत्र (मेष राशि ) के दिन पड़ती है।
  • अष्टमी तिथि (आठवां दिन ) कृतिका नक्षत्र (मेष या वृष राशि) के दिन पड़ती है।
  • नवमी तिथि ( नौवां दिन )रोहिणी नक्षत्र ( वृष राशि ) के दिन पड़ती है।
  • यदि दशमी तिथि (दसवां दिन) आश्लेषा नक्षत्र ( कर्क राशि ) के दिन पड़ती है।

ज्वालमुखी योग कैसे बनता है

यह योग एक चंद्र मास में दो बार या लगातार दो दिनों में अर्थात लगातार दो तिथियों और दो लगातार दो नक्षत्रों पर हो सकता है ।

1. जब किसी भी महीने की अष्टमी तिथि ( आठवां दिन ),कृतिका नक्षत्र ( तीसरा नक्षत्र) के साथ मेल खाती है।

2. जब किसी महीने की नवमी तिथि ( नौवां दिन ), रोहिणी नक्षत्र ( चौथा नक्षत्र ) के साथ मेल खाती है ।

ज्वालामुखी योग के सामान्य प्रभाव क्या हैं ?

  1. यह योग अशुभ होता है अगर आपकी कुंडली में यह योग है , तो आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है ।
  2. अगर ज्वालामुखी योग में लड़का लड़की का विवाह हो तो इसमें कई समस्या होने लगती है ।
  3. इस योग में आप कोई भी नया काम शुरू करेंगे तो वह बिल्कुल नहीं चलेगा।
  4. इस योग में कोई बीमारी होती है ,तो वह लंबे समय तक चलती है इसका इलाज नहीं मिलता।
  5. इस योग में आप जो कुछ भी करते हैं वह पूरा नहीं हो सकता।
  6. कई प्राचीन ग्रंथो में भी इस योग का जिक्र मिलता है।
  7. यदि यह योग किसी भी समय कुंडली में हो ,तो कोई भी महत्वपूर्ण कार्य नहीं करना चहिए।

ज्वालमुखी योग में क्या नहीं करना चहिए

1.इस योग में कोई भी महत्वपूर्ण कार्य या यात्रा न करें।

2. नया घर, कुआं न खोदे, नए घर की नींव बिलकुल न रखें।

3. इस योग में गर्भ धारण नहीं करना चाहिए न कि बच्चें का जन्म होना चाहिए।

4. शादी या सगाई को इस योग में बिल्कुल नहीं करने चहिए।

5. कोई भी शुभ कार्य , वाहन खरीदना, गहने खरीदना नही करना चाहिए।

6. इस अवधि में होने वाली किसी भी अच्छी घटना के लिए यह अशुभ योग है।

7. ज्वालामुखी योग काल का प्रयोग केवल अपने श शत्रु को परास्त करने या युद्ध प्रारंभ करने के लिए किया जाता है।

8. यह योग आपके शत्रु या किसी भी आधार पर आप का विरोध करने वालों के विरुद्ध सफलता प्रदान करता है।

9. कुंडली में मौजूद सभी कारकों को सावधानीपूर्वक पढ़ने और विश्लेषण करने के बाद ही अंतिम निर्णय लेना चाहिए।